Updated Thu, 19 Jan 2024 Published by:dev
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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली झलक सामने आ गई है. गर्भगृह में स्थापित भगवान राम की मूर्ति की झलक मिल गई है.
राम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की गई राम जी मूर्ति और सभी का मन मोहने वाले दिखे सभी के दिल के करीब राम लला।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्येकर्म 16 जनवरी से ही शुरू हो चुका है. 17 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया है . अब उसे क्रेन के सहारे 18 जनवरी को गर्भगृह में पहुंचाया गया है हालांकि पहले रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में घुमाने की योजना बनाई गई थी लेकिन मूर्ति की वजन अधिक होने कारण से अब रामलला की 10 किलो चांदी की मूर्ती को परिसर में घुमाया जाएगा.
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यकर्म के लिए काम जोरो से चल रहा हे जिससे कम से कम समय में मंदिर को जल्द से जल्द तैयार किया जाये। up के मुख्यमंत्री माननिये योगी आदित्य नाथ जी इसका खुद दौरा कर रहे हे जिससे हर काम उनके अंडर होता रहे और किसी भी काम में देरी या लापरवाही न बरती जाये। राम मंदिर को आधुनिक तकनीक से बनाये जा रहा हे जिससे सभी देखने वालो का मन मोह सके।
अयोध्या का एयरपोर्ट भी तैयार कर दिया गया हे और एयर पोर्ट जितना बाहर से आकर्षक और आकर्षक हे उससे कई जयादा आधुनिक भी हे जिससे किसी को भी किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े। एयर पोर्ट का उध्गाटन नरेंद्र मोदी जी ने क्र दिया हे जिससे ये अब सभी आम और खास पब्लिक के लिए सुरु हो चुका है
राम मंदिर है रेल्वे प्लेट फॉर्म भी तैयार हे और इसे भी भोत आकर्षक बनाया गया हे जिससे राम लला जो भी दर्शन करने आये उनको ये सब मोह सके.
राम मंदिर के रस्ते में जो भी गलिया आती हे वह पर राम जी और भी बहित सारे आकर्षक चित्र बनाये गए है।
निचे कुछ ताजा तस्वीरें दिखाई गई हे
राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों को स्वर्ण मंडित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। गर्भगृह में लगने वाले सबसे बड़े दरवाजे सहित दस दरवाजों की फिटिंग का काम भी पूरा हो चुका है। स्वर्ण जड़ने वाले कारीगरों ने दरवाजों की फिटिंग को परखा भी है। और उसे सावधानी के साथ बखूबी क्र दिया हे। अब तक जो दरवाजे निर्मित हो चुके हैं उन पर सोना लगाने के लिए सांचा बनाना प्रारंभ हो गया है। और जो बचे हे उनके ऊपर काम किया जा रहा है।
दरवाजों को स्वर्ण मंडित करने का कार्य नवंबर माह में पूरा में पूरा कर दिया जायेगा। साथ ही इन्हें अंतिम रूप से निर्धारित स्थान पर लगा दिया जाएगा। यहां के सभी दरवाजे महाराष्ट्र के जंगलों की सागौन की लकड़ी से निर्मित हो रहे हैं। इन्हें हैदराबाद के कारीगर रामसेवकपुरम में बना रहे हैं। इन्होने अभी तक कुछ दरवाजे लगा भी दिए हे जिनपे सोना चढ़ाया जा रहा है।
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