आपने आपने 'रघुपति राघव राजा राम' भजन का असली लय सुना है ?
सायद आप को उसकी जानकारी नहीं होगी की इस भजन के दो रूप हे जिसमे से एक रूप गाँधी जी ने दिया हे और दूसरा असली है
आज राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से भारत देश ही नहीं पूरी दुनिया राम मय हो गई। हर तरफ राम के नाम की गूंज हो गई राम मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गया जाने वाला सबसे लोक प्रिये भजन गूंज रहा था। इसे गायकर सभी अलग अलग तरीके से गाते हे। कुछ गायकर इसके रेफ वर्जन को भी गाते हे परन्तु इन सभी में सबसे लोकप्रिय गाँधी जी के द्वारा गाया भजन है। क्या आप जानते हे रघुपति राजा राम के 2 वर्जन है। पहला जो हमेषा से सुनते आ रहे हे और दूसरा जो असली और शुद्ध हे
आइये हम दोनों भजन को देखते हे की दोनों में क्या फर्क है।
महात्मा गांधी द्वारा गाया भजन :
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
घुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
सीता राम सीता राम
भज प्यारे तू सीता राम।।
सीता राम सीता राम
भज प्यारे तू सीता राम।।
राम रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान।।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान।।
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।।
यह भजन जो असली है :
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सिताराम ॥
सुन्दर विग्रह मेघश्याम
गंगा तुलसी शालग्राम ॥
भद्रगिरिश्वर सिताराम
भगत-जनप्रिय सिताराम ॥
जानकीरामना सिताराम
जयजय राघव सिताराम ||
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सिताराम ||
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
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